स्त्री सुरक्षा के विषय पर 31 अगस्त और 1 सितंबर 2024 के बीच की मध्यरात्रि में गांधी चौक से प्रियदर्शिनी चौक तक “Midnight March” लेने हेतू
स्त्री सुरक्षा के लिये लेंगे शपथ:- चंद्रपुर जागृति मशाल* चंद्रपूर के सामाजिक संघटना, संस्था व जागरूक नागरिक द्वारा बनाया एक नेटवर्क हैं, जो चंद्रपुर में महिला से जुड़े मुद्दों पर कार्य करने की उद्देश्य से बनाया गया है। इस संघटना मंच की संकल्पना इसके पहले बैठक दी.१८.०८.२०२४ रविवार को हुआ, जिसमे चर्चा के माध्यम से महिलाओं से जुड़े कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई और ये निष्कर्ष निकाला गया के महिला से जुड़े मुद्दों पर हमे एकजुट होकर काम करना होगा, और वही से इस संघटना की नीव रखी गई।
मंच ने पहले कार्यक्रम अर्थात
दी.३१ अगस्त और १ सितंबर के बीच के मध्यरात्रि में चंद्रपुर के गांधी चौक से प्रियदर्शिनी चौक तक Midnight March का आयोजन किया है।
रात ९.३० बजे गांधी चौक पर संमेलित हो कर रैली मध्यरात्री को प्रियदर्शिनी चौक पर पहुचेगी. प्रियदर्शिनी चौक पर सब मिलकर महिला सुरक्षा का प्रतिज्ञा लेंगे और राष्ट्रगीत के साथ ही इस मार्च का समापन करेंगे।
इस कार्यक्रम मे जिला प्रशासन का पूरा सहयोग मिला है. कार्यक्रम मे पालकमंत्री श्री. सुधीर मुनगंटीवार, खासदार श्रीमती प्रतिभा धानोरकर.
जिल्हाधिकारी श्री.विनय गौडा,
पुलिस अधीक्षक श्री. सुदर्शन, शामिल होंगे.
मंच सभी शैक्षणिक प्रतिष्ठान, प्रोफेशनल संस्था, ट्रेड युनियन, सामाजिक व राजकीय संस्था तथा सजग संवेदनशील नागरिक को इस movement मे शमील होने की अपील करती है.
आए दिन हम महिलाओं से जुड़े उत्पीड़न की खबरे सुनते है, फिर चाहे वो छेड़खानी हो, पीछा करना हो या फिर बलात्कार। इस मार्च का उद्देश यही है के चंद्रपुर के बेटियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी हम चंद्रपुर के सभी नागरिकों का है, नाही के सिर्फ उसके परिवार का। ये हमारी, पुरुष एवम महिला, की जिम्मेदारी है के चंद्रपुर ही हर एक बेटी, मेरी भी बेटी है, ये भावना इस कार्यक्रम का सार है।
हमारा स्लोगन है – *तू डर मत – मैं साथ हू*
इस रैली मे स्त्री सुरक्षा के प्रति सभी संवेदनशील नागरिको को सहभागी होने का निमंत्रण है.
रैली के उद्देश:
१. जागरूकता बढ़ाना: एक मजबूत सामुदायिक भावना को बढ़ावा देना और महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना।
2. एकजुटता दिखाना: यह प्रदर्शित करने के लिए की चंद्रपुर के लोग महिलाओं की सुरक्षा के समर्थन में एकजुट है, जैसे वो हमारे परिवार के ही सदस्य हो।
3. सुरक्षा को बढ़ावा देना: सार्वजनिक रूप से यह पुष्टि करना की संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली हर महिला, खासकर के देर रात तक काम करने वाली महिलाओं, को सुरक्षित महसूस होना चाहिए। इसके अलावा, केवल विशेष रूप से संगठन के कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि सामान्य तौर पर पूरे समाज को महिला की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सिर्फ कामकाजी महिलाओं के लिए ही नहीं, हर महिला को बिना किसी डर के रात के समय स्वतंत्र रूप से घूमने में सुरक्षित महसूस करना चाहिए।
इन्ही उद्देशो के मद्देनजर ये Midnight March का आयोजन किया गया है, जिसमे चंद्रपुर के नागरिक – महिला और पुरुष ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन भी इसमें शामिल होकर चंद्रपुर की बेटियों (Daughters’ of Chandrapur) को यह आश्वाशन देंगे के हम सब उनके साथ है और ये शहर की राते उतनी भी उनकी है जितनी पुरूषों की।
धन्यवाद।